Monday, 11 November 2024

कविता. ५३२३. कोशिश को किनारों संग।

                            कोशिश को किनारों संग।

कोशिश को किनारों संग पुकार तराना देती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी अफसाना देती है कदमों को उजालों की सुबह एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग सोच तलाश देती है जज्बातों को अंदाजों की आस इशारा देती है खयालों को दास्तानों की रोशनी एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग समझ इरादा देती है अफसानों को आशाओं की मुस्कान तलाश देती है लहरों को नजारों की सोच एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग पहचान खयाल देती है सपनों को अरमानों की पुकार अहमियत देती है तरानों को उम्मीदों की तलाश एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग आवाज किनारा देती है अल्फाजों को उजालों की परख बदलाव देती है इशारों को आशाओं की मुस्कान एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग सौगात उमंग देती है इशारों को लम्हों की आवाज सरगम देती है जज्बातों को अंदाजों की कहानी एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग परख मुस्कान देती है खयालों को इरादों की समझ लहर देती है दास्तानों को आवाजों की समझ एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग दास्तान इरादा देती है बदलावों को सपनों की सुबह उमंग देती है दिशाओं को लहरों की आहट एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग उम्मीद सुबह देती है अरमानों को दिशाओं की आस अल्फाज देती है लम्हों को अफसानों की पुकार एहसास देती है।

कोशिश को किनारों संग राह आवाज देती है जज्बातों को अंदाजों की परख पहचान देती है बदलावों को राहों की रोशनी एहसास देती है।

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