Tuesday, 19 November 2024

कविता. ५३३१. एक दास्तान को।

                                   एक दास्तान को।

एक दास्तान को दिशाओं से जुडकर पुकार इशारा देती है कदमों को अदाओं की सरगम तराना देती है खयालों को जज्बातों की कहानी देती है।

एक दास्तान को आवाजों से जुडकर रोशनी कोशिश देती है अरमानों को सपनों की सौगात उमंग देती है किनारों को अल्फाजों की कहानी देती है।

एक दास्तान को अफसानों से जुडकर पहचान उम्मीद देती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान सुबह देती है जज्बातों को तरानों की कहानी देती है।

एक दास्तान को कदमों से जुडकर सरगम आवाज देती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश सहारा देती है अफसानों को लहरों की कहानी देती है।

एक दास्तान को जज्बातों से जुडकर सुबह उजाला देती है जज्बातों को आशाओं की पुकार अंदाज देती है अरमानों को राहों की कहानी देती है।

एक दास्तान को अफसानों से जुडकर उमंग तराना देती है नजारों को खयालों की सोच समझ देती है उजालों को बदलावों की कहानी देती है।

एक दास्तान को किनारों से जुडकर तलाश आस देती है अरमानों को सपनों की अदा आवाज देती है कदमों को राहों की कहानी देती है।

एक दास्तान को आशाओं से जुडकर परख सहारा देती है खयालों को इशारों की आस अफसाना देती है खयालों को अंदाजों की कहानी देती है।

एक दास्तान को नजारों से जुडकर सोच अंदाज देती है किनारों को अल्फाजों की सुबह एहसास देती है दिशाओं को लहरों की कहानी देती है।

एक दास्तान को नजारों से जुडकर समझ अरमान देती है अंदाजों को इरादों की कोशिश उम्मीद देती है आवाजों को उजालों की कहानी देती है।

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