Sunday, 24 November 2024

कविता. ५३३६. सपनों संग अरमानों की।

                            सपनों संग अरमानों की।

सपनों संग अरमानों की परख इशारा देती है कदमों को अदाओं की सरगम तलाश देती है अफसानों को आशाओं की पहचान उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की सुबह एहसास देती है किनारों को अंदाजों की आहट जज्बात देती है नजारों को राहों की मुस्कान उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की सरगम इरादा देती है दास्तानों को एहसासों की कहानी रोशनी देती है उजालों को बदलावों की सौगात उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की सोच खयाल देती है तरानों को उम्मीदों की आस अल्फाज देती है किनारों को जज्बातों को लहरों की पुकार उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की आवाज धून देती है अंदाजों को लम्हों की अहमियत कोशिश देती है एहसासों को इशारों की सुबह उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की पुकार आस देती है एहसासों को कदमों की सौगात पहचान देती है दिशाओं को अल्फाजों की मुस्कान उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की समझ जज्बात देती है इशारों को लम्हों की परख आवाज देती है दास्तानों को आशाओं की कहानी उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की कोशिश अदा देती है किनारों को बदलावों की सोच इरादा देती है आवाजों को जज्बातों की आहट उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की लहर आवाज देती है खयालों को इरादों की पुकार अफसाना देती है अंदाजों को लम्हों की कोशिश उमंग देती है।

सपनों संग अरमानों की राह अंदाज देती है नजारों को दिशाओं की समझ तलाश देती है दास्तानों को अफसानों की रोशनी उमंग देती है।


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