Wednesday, 27 November 2024

कविता. ५३३९. सपनों की सुबह अक्सर।

                               सपनों की सुबह अक्सर।

सपनों की सुबह अक्सर आशाओं को बदलावों की मुस्कान कोशिश दिलाती है लहरों से अंदाजों संग तरानों की पहचान इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर आवाजों को कदमों की आहट बदलाव दिलाती है किनारों से अफसानों संग अल्फाजों की सरगम इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर जज्बातों को लम्हों की सौगात तलाश दिलाती है एहसासों से उजालों संग आशाओं की अहमियत इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर उम्मीदों को किनारों की सरगम नजारा दिलाती है दास्तानों से बदलावों संग राहों की उमंग इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर तरानों को उम्मीदों की पुकार अल्फाज दिलाती है खयालों से अरमानों संग उजालों की कोशिश इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर एहसासों को अदाओं की परख आवाज दिलाती है जज्बातों से नजारों की अल्फाज इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर लहरों को नजारों की अहमियत एहसास दिलाती है अंदाजों से दिशाओं संग उम्मीदों की कहानी इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर जज्बातों को कदमों की पुकार अरमान दिलाती है आवाजों से सपनों संग अरमानों की कोशिश इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर धाराओं को अरमानों की आहट खयाल दिलाती है बदलावों से आशाओं संग किनारों की समझ इशारा दिलाती है।

सपनों की सुबह अक्सर अंदाजों को तरानों की आस अफसाना दिलाती है किनारों से आवाजों संग उम्मीदों की आवाज इशारा दिलाती है।

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