Monday, 18 November 2024

कविता. ५३३०. अरमान संग आशाओं की।

                            अरमान संग आशाओं की।

अरमान संग आशाओं की पुकार सरगम सुनाती है लम्हों की आहट अक्सर पहचान सुनाती है उम्मीदों को कदमों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की मुस्कान अल्फाज सुनाती है तरानों की सोच अक्सर कोशिश सुनाती है जज्बातों को अंदाजों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की सौगात उमंग सुनाती है एहसासों की कहानी अक्सर तराना सुनाती है दिशाओं को बदलावों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की सुबह आवाज सुनाती है नजारों की रोशनी अक्सर इरादा सुनाती है दास्तानों को खयालों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की कहानी पहचान सुनाती है उम्मीदों की तलाश अक्सर अंदाज सुनाती है नजारों को लम्हों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की आस खयाल सुनाती है दिशाओं की कोशिश अक्सर परख सुनाती है आवाजों को किनारों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की रोशनी लहर सुनाती है इरादों की सुबह अक्सर एहसास सुनाती है सपनों को तरानों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की राह तराना सुनाती है उजालों की मुस्कान अक्सर अदा सुनाती है किनारों को अल्फाजों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की परख कोशिश सुनाती है राहों की पुकार अक्सर अहमियत सुनाती है अंदाजों को दास्तानों संग अफसाना सुनाती है।

अरमान संग आशाओं की समझ किनारा सुनाती है कदमों की पहचान अक्सर सपना सुनाती है लहरों को अल्फाजों संग अफसाना सुनाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...