Wednesday, 20 November 2024

कविता. ५३३२. एक खयाल संग।

                                  एक खयाल संग।

एक खयाल संग अरमानों की समझ एहसास दिलाती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान पहचान दिलाती है राहों को सपनों की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग आवाजों की धून अफसाना दिलाती है जज्बातों को कदमों की सोच सरगम दिलाती है किनारों को अल्फाजों की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग नजारों की कहानी कोशिश दिलाती है लम्हों को दास्तानों की परख अहमियत दिलाती है उजालों को बदलावों की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग जज्बातों की पुकार अरमान दिलाती है लहरों को इशारों की कोशिश अफसाना दिलाती है अदाओं को तरानों की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग दिशाओं की उमंग पहचान दिलाती है अल्फाजों को राहों की सौगात एहसास दिलाती है उम्मीदों को कदमों की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग लम्हों की तलाश रोशनी दिलाती है आशाओं को एहसासों की आस इरादा दिलाती है आवाजों को अरमानों की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग दास्तानों की लहर सरगम दिलाती है आवाजों को इरादों की कहानी रोशनी दिलाती है अंदाजों को लहरों की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग बदलावों की आस अरमान दिलाती है तरानों को उम्मीदों की तलाश एहसास दिलाती है आशाओं को दास्तानों की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग कदमों की समझ अफसाना दिलाती है इशारों को लम्हों की कोशिश दास्तान दिलाती है नजारों को दिशाओं की सुबह दिलाती है।

एक खयाल संग जज्बातों की उम्मीद किनारा दिलाती है लहरों को इरादों की पहचान आवाज दिलाती है सपनों को एहसासों की सुबह दिलाती है।

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