Thursday, 14 November 2024

कविता. ५३२६. राहों को सपनों की।

                             राहों को सपनों की।

राहों को सपनों की लहर तलाश दिलाती है दास्तानों की मुस्कान कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों की उमंग खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की आवाज पुकार दिलाती है लम्हों की पहचान उजाला दिलाती है एहसासों को किनारों की अहमियत खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की सुबह नजारा दिलाती है जज्बातों की आस कोशिश दिलाती है तरानों को अरमानों की सरगम खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की परख अरमान दिलाती है अंदाजों की कहानी सौगात दिलाती है नजारों को दिशाओं की धून खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की पहचान उम्मीद दिलाती है लहरों की सुबह अफसाना दिलाती है आशाओं को बदलावों की रोशनी खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की सोच जज्बात दिलाती है कदमों की अदा तलाश दिलाती है उम्मीदों को अल्फाजों की आवाज खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की पुकार आहट दिलाती है दिशाओं की कहानी उमंग दिलाती है जज्बातों को आशाओं की सुबह खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की अंदाज आस दिलाती है एहसासों की रोशनी इशारा दिलाती है आवाजों को दास्तानों की कोशिश खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की सरगम सौगात दिलाती है अंदाजों की कहानी समझ दिलाती है लम्हों को उजालों की पुकार खयाल दिलाती है।

राहों को सपनों की समझ अफसाना दिलाती है किनारों की आस पहचान दिलाती है इरादों को अफसानों की दिशा खयाल दिलाती है।

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