Saturday 19 February 2022

कविता. ४३५८. सुनकर सरगम दिल कहता है।

                                                     सुनकर सरगम दिल कहता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है उम्मीद का लम्हा हर पल मन के भीतर रहता है आशाओं को पकड़कर एक और इशारा नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है उजालों का इशारा हर सौगात के संग रहता है अंदाजों को देखकर एक और अफसाना नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है लहरों का तराना हर सुबह के मिलकर रहता है कोशिश को समझकर एक और सहारा नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है उमंग का अफसाना हर मोड़ के भीतर रहता है जज्बातों को परखकर एक और इशारा नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है कोशिश का इशारा हर लहर के संग रहता है दास्तानों को समझकर एक और इरादा नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है सोच का नजारा हर मौके के संग रहता है अरमानों को पकड़कर एक और बदलाव नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है रोशनी का एहसास हर कोशिश के संग रहता है आवाजों को परखकर एक और अल्फाज नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है दास्तान का तराना हर उमंग के संग रहता है खयालों को समझकर एक और खयाल नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है आशाओं का अफसाना हर पुकार के संग रहता है अंदाजों को देखकर एक और लम्हा नया किनारा देता है।
सुनकर सरगम दिल कहता है तरानों का खयाल हर उम्मीद के संग रहता है आवाजों को समझकर एक और उजाला नया किनारा देता है।

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