Saturday 26 February 2022

कविता. ४३६५. हर कदम पर उड़ान।

                                                             हर कदम पर उड़ान।

हर कदम पर उड़ान बदलाव सुनाती है अदाओं को दास्तानों कि सुबह आस देती है किनारों पर कोशिश कि पहचान संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान इशारा सुनाती है तरानों को अंदाजों कि उम्मीद आवाज देती है नजारों पर उजालों कि परख संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान सुबह सुनाती है आशाओं को दिशाओं कि उमंग अल्फाज देती है जज्बातों पर लम्हों कि रोशनी संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान कोशिश सुनाती है लहरों को तरानों कि सोच इरादा देती है अफसानों पर उम्मीदों कि सोच संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान सौगात सुनाती है किनारों को आवाजों कि धून मुस्कान देती है अंदाजों पर खयालों कि उमंग संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान आस सुनाती है दिशाओं को उम्मीदों कि पुकार अफसाना देती है इशारों पर किनारों कि पुकार संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान सपना सुनाती है अंदाजों को एहसासों कि तलाश खयाल देती है लहरों पर नजारों कि सुबह संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान दास्तान सुनाती है नजारों को राहों कि कोशिश आवाज देती है दिशाओं पर आशाओं कि राह संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान सहारा सुनाती है खयालों को सपनों कि सुबह एहसास देती है किनारों पर दास्तानों कि सौगात संग अरमान दिलाती है।

हर कदम पर उड़ान लहर सुनाती है अदाओं को लम्हों कि रोशनी खयाल देती है अंदाजों पर राहों कि सरगम संग अरमान दिलाती है।

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