Friday 25 February 2022

कविता. ४३६४. एक उजाला अक्सर।

                                                             एक उजाला अक्सर।

एक उजाला अक्सर अदाओं का इशारा सुनाता है कदमों से अफसानों कि सरगम नजारा जगाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर आशाओं का सपना सुनाता है दिशाओं से इरादों कि पहचान एहसास जगाती है किनारों को आशाओं कि परख मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर अंदाजों का तराना सुनाता है आवाजों से इशारों कि सोच अरमान जगाती है दास्तानों को लम्हों कि रोशनी मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर दिशाओं का इरादा सुनाता है अंदाजों से तरानों कि सुबह आस जगाती है उम्मीदों को आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर दास्तानों का अफसाना सुनाता है धाराओं से अल्फाजों कि पुकार बदलाव जगाती है कोशिश को तरानों कि राह मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर नजारों का बदलाव सुनाता है जज्बातों से दास्तानों कि आवाज कोशिश जगाती है कदमों को जज्बातों कि सोच मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर अरमानों का किनारा सुनाता है खयालों से जज्बातों कि सोच इरादा जगाती है अंदाजों को एहसासों कि तलाश मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर दिशाओं का इरादा सुनाता है किनारों से लम्हों कि रोशनी पहचान जगाती है खयालों को नजारों कि सुबह मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर आवाजों का एहसास सुनाता है नजारों से आशाओं कि राह अहमियत जगाती है तरानों को अंदाजों कि उम्मीद मुस्कान दिलाती है।

एक उजाला अक्सर बदलावों का आस सुनाता है रोशनी से दिशाओं कि उमंग पुकार जगाती है लहरों को इशारों कि पहचान मुस्कान दिलाती है।

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