Thursday 7 February 2019

कविता. २६७९. हर लम्हे को सुबह कि आहट।

                                     हर लम्हे को सुबह कि आहट।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि कोशिश को अफसानों कि कहानी तराने देती है दास्तान को दिशाओं कि आंधी सौगात देती है पुकार को आवाजों कि धून सोच देती है किनारे को आशाओं कि जरुरत सरगम देती है दास्तान को समझ कि जरुरत उमंग देती है एहसासों को खयालों कि उमंग देती है उम्मीद को अफसानों कि कोशिश तराने देती है किनारों को लहरों कि सरगम सहारे संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि जरुरत को आशाओं कि पुकार दिशाएं देती है जज्बात को खयालों कि उमंग नजारे देती है कोशिश को एहसासों कि राह किनारे देती है खयाल को कदमों कि उमंग तराने देती है जज्बात को अफसानों कि उम्मीद परख देती है दिशाओं को आवाजों कि धून देती है पुकार को दिशाओं कि पहचान इशारे देती है पुकार को दिशाओं कि पहचान किनारे के संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि तलाश को अल्फाजों कि धारा तराने देती है दास्तान को दिशाओं कि रोशनी उजाले देती है उम्मीद को अफसानों कि उमंग नजारे देती है आवाज को पुकार कि समझ इशारे देती है कदमों को अल्फाजों कि आंधी सौगात देती है अंदाजों को कहानियों कि सांस देती है आस को उजालों कि समझ रोशनी देती है किनारे को आशाओं कि समझ पहचान के  संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि दुनिया को तरानों कि पहचान इशारे देती है इरादों को समझ कि अहमियत किनारे देती है रोशनी को जज्बातों कि परख दिशाएं देती है आस को उजाले कि शुरुआत बदलाव देती है दास्तान को दिशाओं कि रोशनी उजाले देती है उम्मीदों को अफसानों कि उमंग देती है आवाज को पुकार कि उमंग तराने देती है खयाल को कदमों कि अहमियत किनारे के संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों के तराने को आवाजों कि धून पुकार देती है आशाओं को तलाश कि उमंग तराने देती है किनारे को लहरों कि आवाज सरगम देती है दिशाओं को समझ कि जरुरत देती है कदमों को अल्फाजों कि समझ किनारे देती है लहरों को अदाओं कि रोशनी देती है अंदाजों को दास्तानों को समझ कि जरुरत तलाश देती है आवाज को पुकार कि उमंग पहचान के संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि दुनिया को आशाओं कि समझ अफसाने देती है कदमों को अल्फाजों कि आंधी सौगात देती है अंदाजों को दास्तान परख देती है किनारों को लहर कि जरुरत देती है दास्तानों को लहरों कि आस नजारे देती है जज्बातों को समझ कि उमंग देती है उजाले को राहों कि आंधी तराने देती है कदमों को अफसानों कि उम्मीद देती है अफसाने को लहरों कि पुकार पहचान के संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि तलाश को दास्तानों कि रोशनी उजाले देती है जज्बातों को अफसानों कि उम्मीद तराने देती है किनारे को आशाओं कि समझ देती है दास्तानों को लहरों कि धून देती है अंदाजों को समझ कि जरुरत उमंग देती है कदमों को अल्फाजों कि आस आवाज देती है आस को उजालों कि समझ तराने देती है दिशाओं को आवाजों कि धून देती है किनारे को आशाओं कि समझ परख के संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि कोशिश को आवाजों कि धून पुकार देती है कदमों को अल्फाजों कि आंधी देती है अफसाने को लहरों कि पहचान इशारे देती है रोशनी को जज्बातों कि सौगात खुशियां देती है आशाओं को दिशाओं कि आंधी समझ देती है पुकार को कदमों कि आहट सोच देती है अंदाजों को कहानियों कि उमंग नजारे देती है दास्तानों को लहरों कि आस देती है नजारे को अफसानों कि राह के संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि दुनिया को आशाओं कि जरुरत तराने देती है राहों को अफसानों कि उम्मीद देती है अदाओं को दास्तानों कि रोशनी उजाले देती है उम्मीद को अल्फाजों कि आंधी तराने देती है जज्बात को खयालों कि सौगात देती है सरगम को आवाजों कि धून देती है आशाओं को दिशाओं कि रोशनी देती है जज्बात को अफसानों कि उम्मीद देती है उजाले को आवाजों कि धून के संग एहसास देती है।
हर लम्हे को सुबह कि आहट इशारे देती है रंगों कि तलाश को जज्बातों कि पहचान इशारे देती है इरादे को खयालों कि सौगात समझ देती है दास्तान को दिशाओं कि रोशनी देती है उजाले को अफसानों कि उमंग देती है तराने को एहसासों कि सोच देती है तलाश को अल्फाजों कि जरुरत देती है किनारे को लहरों कि कोशिश देती है दास्तान को जज्बातों कि सौगात देती है सुबह को आशाओं कि पुकार के संग एहसास देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१५४. इरादों को आशाओं की।

                            इरादों को आशाओं की। इरादों को आशाओं की मुस्कान कोशिश दिलाती है खयालों को अंदाजों की आस किनारा देकर जाती है जज्बा...