Sunday, 12 May 2024

कविता. ५१७०. उमंग संग सपनों की।

                              उमंग संग सपनों की।

उमंग संग सपनों की सुबह एहसास दिलाती है कदमों को अदाओं की पुकार पहचान देकर जाती है जज्बातों को अंदाजों की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की आस अरमान दिलाती है तरानों को उम्मीदों की राह अफसाना देकर जाती है किनारों को अल्फाजों की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की कोशिश अंदाज दिलाती है खयालों को इशारों की समझ सरगम देकर जाती है अफसानों को आशाओं की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की सोच दास्तान दिलाती है लहरों को नजारों की कहानी अहमियत देकर जाती है दिशाओं को बदलावों की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की आवाज पुकार दिलाती है लम्हों को अरमानों की सुबह सहारा देकर जाती है राहों को इशारों की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की तलाश आस दिलाती है अल्फाजों को दिशाओं की सोच नजारा देकर जाती है आवाजों को तरानों की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की राह रोशनी दिलाती है दास्तानों को एहसासों की कोशिश आस देकर जाती है अंदाजों को इरादों की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की सौगात तराना दिलाती है अरमानों को उम्मीदों की सुबह आहट देकर जाती है राहों को खयालों की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की बदलाव इरादा दिलाती है नजारों को दिशाओं की अदा अहमियत देकर जाती है जज्बातों को कदमों की परख दिलाती है।

उमंग संग सपनों की सोच खयाल दिलाती है अरमानों को इरादों की कहानी एहसास देकर जाती है दास्तानों को आशाओं की परख दिलाती है।

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