Wednesday, 22 May 2024

कविता. ५१८०. सपनों को एहसासों की।

                                सपनों को एहसासों की।

सपनों को एहसासों की कहानी सरगम सुनाती है आवाजों को राहों की सौगात उजाला दिलाती है तरानों को अरमानों की पुकार पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की सुबह अफसाना सुनाती है जज्बातों को कदमों की आहट खयाल दिलाती है उम्मीदों को दिशाओं की आस पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की रोशनी इशारा दिलाती है लहरों को किनारों की आस बदलाव दिलाती है दास्तानों को अदाओं की कोशिश पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की सौगात अंदाज दिलाती है उजालों को लहरों की मुस्कान अरमान दिलाती है कदमों को इशारों की समझ पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की आस अल्फाज दिलाती है इरादों को आशाओं की कहानी सहारा दिलाती है राहों को बदलावों की सोच पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की अदा अहमियत दिलाती है नजारों को दिशाओं की उमंग पुकार दिलाती है अफसानों को अरमानों की धून पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की कोशिश आस दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की समझ सरगम दिलाती है किनारों को खयालों की उमंग पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की परख लहर दिलाती है अंदाजों को लम्हों की परख सहारा दिलाती है अल्फाजों को जज्बातों की सौगात पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की समझ उम्मीद दिलाती है अदाओं को आवाजों की धून अफसाना दिलाती है तरानों को इरादों की आस पहचान देकर जाती है।

सपनों को एहसासों की तलाश तराना दिलाती है आशाओं को नजारों की आहट कोशिश दिलाती है दास्तानों को दिशाओं की सरगम पहचान देकर जाती है।

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