Friday 3 May 2024

कविता. ५१६१. अरमानों को कदमों की।

                                अरमानों को कदमों की।

अरमानों को कदमों की आहट सरगम देती है खयालों को अंदाजों की समझ सपना दिलाती है दास्तानों को एहसासों की पुकार इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की मुस्कान कोशिश देती है किनारों को अदाओं की पहचान कोशिश दिलाती है लहरों को नजारों की कहानी इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की सोच सौगात देती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश खयाल दिलाती है दिशाओं को बदलावों की सोच इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की राह अल्फाज देती है अफसानों को आशाओं की उमंग तराना दिलाती है आवाजों को खयालों की समझ इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की धून सपना देती है दास्तानों को एहसासों की कहानी उम्मीद दिलाती है अल्फाजों को राहों की सौगात इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की आस तराना देती है आवाजों को लम्हों की पहचान नजारा दिलाती है अफसानों को आशाओं की कोशिश इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की सुबह खयाल देती है इरादों को राहों की मुस्कान आवाज दिलाती है लहरों को एहसासों की कहानी इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की समझ सहारा देती है किनारों को अदाओं की पुकार अफसाना दिलाती है उजालों को तरानों की आस इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की पुकार सरगम देती है अल्फाजों को उजालों की सुबह खयाल दिलाती है किनारों को अंदाजों की सोच इशारा देती है।

अरमानों को कदमों की तलाश लहर देती है बदलावों को जज्बातों की आस अहमियत दिलाती है खयालों को आवाजों की धून इशारा देती है।


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कविता. ५१७५. किनारों को अल्फाजों की।

                              किनारों को अल्फाजों की। किनारों को अल्फाजों की आस खयाल दिलाती है लहरों को नजारों संग आशाओं की पहचान उमंग देकर ...