Saturday 4 May 2024

कविता. ५१६२. जज्बातों संग आशाओं की।

                          जज्बातों संग आशाओं की।

जज्बातों संग आशाओं की मुस्कान बदलाव सुनाती है तरानों को अरमानों की कोशिश समझ दिलाती है कदमों को अदाओं की पुकार एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की कहानी कोशिश सुनाती है लम्हों को खयालों की सोच अफसाना दिलाती है अफसानों को सपनों की सुबह एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की रोशनी अल्फाज सुनाती है अदाओं को दिशाओं की सौगात तलाश दिलाती है आवाजों को उजालों की आस एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की आहट अहमियत सुनाती है लहरों को इशारों की कोशिश सहारा दिलाती है अंदाजों को इरादों की कहानी एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की उमंग खयाल सुनाती है नजारों को तरानों की पुकार पहचान दिलाती है लम्हों को अरमानों की परख एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की समझ अरमान सुनाती है खयालों को अंदाजों की आस अल्फाज दिलाती है दिशाओं को कदमों की सोच एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की परख आहट सुनाती है नजारों को लहरों की कहानी सरगम दिलाती है दास्तानों को अल्फाजों की सौगात एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की सोच तलाश सुनाती है दास्तानों को अदाओं की मुस्कान आवाज दिलाती है खयालों को राहों की कोशिश एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की आस तराना सुनाती है कदमों को अल्फाजों की उमंग सरगम दिलाती है किनारों को उजालों की उम्मीद एहसास देकर जाती है।

जज्बातों संग आशाओं की आहट इरादा सुनाती है अरमानों को लहरों की कहानी बदलाव दिलाती है नजारों को खयालों की समझ एहसास देकर जाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१७५. किनारों को अल्फाजों की।

                              किनारों को अल्फाजों की। किनारों को अल्फाजों की आस खयाल दिलाती है लहरों को नजारों संग आशाओं की पहचान उमंग देकर ...