Tuesday, 14 May 2024

कविता. ५१७२. अदाओं की पुकार अक्सर।

                           अदाओं की पुकार अक्सर।

अदाओं की पुकार अक्सर अरमानों की परख अल्फाज दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी कोशिश दिलाती है कदमों को राहों की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर आवाजों की धून अफसाना दिलाती है किनारों को सपनों की आस तराना दिलाती है इशारों को लम्हों की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर नजारों की सोच पहचान दिलाती है तरानों को उम्मीदों की उमंग मुस्कान दिलाती है दास्तानों को एहसासों की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर आशाओं की राह सरगम दिलाती है अंदाजों को दिशाओं की सोच तलाश दिलाती है अल्फाजों को उजालों की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर तरानों की सुबह आस दिलाती है अल्फाजों को सपनों की पहचान सहारा दिलाती है जज्बातों को किनारों की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर दास्तानों की रोशनी अफसाना दिलाती है राहों को खयालों की समझ सुबह दिलाती है कदमों को जज्बातों की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर जज्बातों की कहानी सरगम दिलाती है अफसानों को तरानों की पहचान बदलाव दिलाती है इशारों को आशाओं की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर अंदाजों की लहर अहमियत दिलाती है आवाजों को दास्तानों की सरगम तलाश दिलाती है उजालों को सपनों की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर उम्मीदों की उमंग खयाल दिलाती है कदमों को अफसानों की समझ कोशिश दिलाती है लहरों को नजारों की सौगात दिलाती है।

अदाओं की पुकार अक्सर अल्फाजों की राह इशारा दिलाती है एहसासों को दिशाओं की कहानी उमंग दिलाती है तरानों को अरमानों की सौगात दिलाती है।

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