Thursday, 2 May 2024

कविता. ५१६०. आवाज को दिशाओं की।

                              आवाज को दिशाओं की।

आवाज को दिशाओं की उमंग अफसाना दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान कोशिश दिलाती है दास्तानों को एहसासों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की सुबह अरमान दिलाती है अदाओं को एहसासों की आहट अल्फाज दिलाती है नजारों को अंदाजों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की आस अल्फाज दिलाती है लहरों को इशारों की रोशनी जज्बात दिलाती है कदमों को अरमानों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की सोच सरगम दिलाती है किनारों को लहरों की परख अरमान दिलाती है सपनों को बदलावों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की सौगात तलाश दिलाती है राहों को अंदाजों की समझ खयाल दिलाती है कदमों को उजालों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की उम्मीद तराना दिलाती है खयालों को अदाओं की पहचान सहारा दिलाती है नजारों को अल्फाजों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की पुकार सुबह दिलाती है तरानों को बदलावों की सोच सौगात दिलाती है लहरों को उजालों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की पहचान कोशिश दिलाती है दास्तानों को इरादों की आस सरगम दिलाती है बदलावों को कदमों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की परख खयाल दिलाती है अंदाजों को दास्तानों की राह अफसाना दिलाती है तरानों को अरमानों की कहानी सुनाती है।

आवाज को दिशाओं की समझ तलाश दिलाती है लहरों को जज्बातों की पुकार अल्फाज दिलाती है उजालों को किनारों की कहानी सुनाती है।

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