Saturday, 18 May 2024

कविता. ५१७६. अरमानों को दिशाओं की।

                           अरमानों को दिशाओं की।

अरमानों को दिशाओं की कहानी समझ दिलाती है लहरों को नजारों की सोच एहसास देकर जाती है जज्बातों को अंदाजों की सौगात दिलाती है।

अरमानों को दिशाओं की सुबह दास्तान दिलाती है राहों को सपनों की आस अल्फाज देकर जाती है तरानों को धाराओं की सौगात दिलाती है।

अरमानों को दिशाओं की उमंग खयाल दिलाती है कदमों को उजालों की उम्मीद मुस्कान देकर जाती है इशारों को आशाओं की सौगात दिलाती है।

अरमानों को दिशाओं की रोशनी आवाज दिलाती है खयालों को किनारों की सोच तलाश देकर जाती है नजारों को अदाओं की सौगात दिलाती है।

अरमानों को दिशाओं की आस तलाश दिलाती है तरानों को लहरों की आस सरगम देकर जाती है धाराओं को बदलावों की सौगात दिलाती है।

अरमानों को दिशाओं की पुकार पहचान दिलाती है इरादों को अदाओं की परख सहारा देकर जाती है एहसासों को अल्फाजों की सौगात दिलाती है।

अरमानों को दिशाओं की कोशिश तराना दिलाती है खयालों को अंदाजों की आहट रोशनी देकर जाती है दास्तानों को किनारों की सौगात दिलाती है।

अरमानों को दिशाओं की उम्मीद सहारा दिलाती है नजारों को कदमों की सरगम सुबह देकर जाती है लहरों को लम्हों की सौगात दिलाती है।

अरमानों को दिशाओं की अदा अहमियत दिलाती है आशाओं को उजालों की सोच आहट देकर जाती है अफसानों को दिशाओं की सौगात दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...