Monday, 27 May 2024

कविता. ५१८५. आवाज की कोई कहानी।

                            आवाज की कोई कहानी।

आवाज की कोई कहानी एहसास सुनाती है अरमानों को उजालों की उमंग अहमियत दिलाती है किनारों को सपनों की सुबह पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी अफसाना सुनाती है इशारों को दास्तानों की सौगात तलाश दिलाती है लहरों को नजारों की कोशिश पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी सपना सुनाती है खयालों को अंदाजों की आस जज्बात दिलाती है कदमों को बदलावों की मुस्कान पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी उमंग सुनाती है अफसानों को दिशाओं की समझ सरगम दिलाती है तरानों को उम्मीदों की सोच पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी दास्तान सुनाती है जज्बातों को कदमों की आहट पहचान दिलाती है लम्हों को दास्तानों की समझ पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी कोशिश सुनाती है राहों को आशाओं की सोच इशारा दिलाती है नजारों को अरमानों की सरगम पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी तराना सुनाती है अल्फाजों को अंदाजों की परख अदा दिलाती है अफसानों को राहों की मुस्कान पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी पुकार सुनाती है नजारों को जज्बातों की सौगात दास्तान दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी उम्मीद सुनाती है लहरों को इशारों की समझ आहट दिलाती है अफसानों को आशाओं की अल्फाज पहचान देकर जाती है।

आवाज की कोई कहानी आस सुनाती है किनारों को दिशाओं की सोच किनारा दिलाती है अंदाजों को लम्हों की आहट पहचान देकर जाती है।

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