Thursday, 25 December 2025

कविता. ५७३२. लहरों को सपनों की।

                             लहरों को सपनों की।

लहरों को सपनों की आहट एहसास दिलाती है किनारों को अरमानों संग पहचान उजाला देकर उम्मीद संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की पुकार बदलाव दिलाती है अंदाजों को नजारों संग अहमियत आवाज देकर खयाल‌ संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की सुबह कोशिश दिलाती है जज्बातों को इशारों संग समझ परख देकर आस संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की तलाश अफसाना दिलाती है आशाओं को बदलावों संग उमंग रोशनी देकर पुकार संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की उम्मीद नजारा दिलाती है कदमों को अल्फाजों संग सरगम अफसाना देकर आहट संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की सौगात आवाज दिलाती है लम्हों को दास्तानों संग कोशिश अरमान देकर परख संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की समझ तराना दिलाती है जज्बातों को इशारों संग सोच बदलाव देकर उम्मीद संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की उमंग मुस्कान दिलाती है धाराओं को अरमानों संग आहट उजाला देकर सुबह संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की सरगम दास्तान दिलाती है अदाओं को लम्हों संग राह पुकार देकर दिशा संग आगे बढती जाती है।

लहरों को सपनों की आस खयाल दिलाती है उम्मीदों को तरानों संग पहचान इरादा कोशिश देकर आवाज संग आगे बढती जाती है।

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