Saturday, 1 February 2025

कविता. ५४०५. इशारों की आहट से।

                                 इशारों की आहट से।

इशारों की आहट से आशाओं संग उमंग तराना सुनाती है दास्तानों को नजारों की लहर अफसाना दिलाती है खयालों की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से सपनों संग उम्मीद अरमान सुनाती है अदाओं को जज्बातों की पुकार बदलाव दिलाती है लम्हों की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से उजालों संग सौगात अफसाना सुनाती है तरानों को अंदाजों की कोशिश लहर दिलाती है जज्बातों की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से दिशाओं संग सुबह पहचान सुनाती है उम्मीदों को राहों की अहमियत बदलाव दिलाती है कदमों की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से आवाजों संग धून परख सुनाती है अरमानों को अल्फाजों की सौगात तलाश दिलाती है किनारों की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से अदाओं संग मुस्कान इरादा सुनाती है नजारों को उजालों की रोशनी खयाल दिलाती है तरानों की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से अल्फाजों संग सोच पुकार सुनाती है एहसासों को अफसानों की सोच पहचान दिलाती है आशाओं की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से कदमों संग समझ सपना सुनाती है धाराओं को अंदाजों की सुबह उम्मीद दिलाती है लम्हों की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से एहसासों संग कोशिश पहचान सुनाती है अल्फाजों को राहों की आहट तलाश दिलाती है दास्तानों की सरगम सुनाती है।

इशारों की आहट से किनारों संग रोशनी आवाज सुनाती है बदलावों को धाराओं की पुकार नजारा दिलाती है दिशाओं की सरगम सुनाती है।

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कविता. ५४७७. खयालों की सरगम अक्सर।

                      खयालों की सरगम अक्सर। खयालों की सरगम अक्सर सपना सुनाती है एहसासों से किनारों की मुस्कान अहमियत दिलाती है अदाओं की धून ...