Wednesday 16 August 2017

कविता. १६०० हर जवाब मे जाने क्यों आजकल।

                                                   हर जवाब मे जाने क्यों आजकल।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल सवाल कि तलाश रहती है जो जीवन मे हर पल को अलग अल्फाजों से जोडकर अंदाज जुदासे देती है जो हर मोड को अलग किनारों से बदलाव कि पहचान देती है जो जीवन मे हर बार छुपी हुई कोई बात कहती है जो जीवन मे हर अल्फाज को अलग तरीके से बयान करती है जो जीवन मे हर अल्फाज के अंदर छुपे सवाल को समझ लेने कि कोशिश मे हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल दिशाओं कि दास्तान रहती है जो जीवन मे हर मौके को अलग एहसासों से जोडकर आगे चलती है जो जीवन मे कई किस्सों को अलग पुकार कि पहचान देती है जो जीवन मे हर पल मे छुपी हुई आवाज कि कहानी कहती है जो जीवन मे हर लम्हे को अलग पुकार कि पहचान देकर आगे बढने कि उम्मीद करती है जो जीवन मे हर मौके को परख लेने कि दास्तान मे हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल मुस्कान कि दास्तान नही रहती है जो जीवन मे हर मोड को अलग तलाश से जोडकर आगे बढ़ती है जो जीवन मे कई दिशाओं को अलग अफसाने कि आवाज देती है जो जीवन मे हर मोड मे छुपी हुई दास्तान कि दुनिया कुछ कहती है जो जीवन मे हर मौके को अलग तराने कि जरुरत देकर आगे बढने कि आवाज के संग कुछ कहती है जो जीवन मे अलग पहचान कि पुकार मे हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल मुस्कान कि उम्मीद नही रहती है जो जीवन मे हर पल को आसान बना सके वह आस नही होती है पर उसमे अक्सर छुपी लढने कि पहचान अपनी कहानी कहती है जो जीवन मे हर मौके को अलग अल्फाज कि दिशाएं देती है जो जीवन मे हर आवाज को कई अंदाजों से आगे लेकर जाती है जो जीवन मे हर किस्से को अलग कोशिश कि दुआएं रोशनी के साथ देकर जिन्दा हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल सुलझी हुई बात कि दास्तान नही रहती है जो जीवन मे हर मौके पर अलग पुकार को समझ कि जरुरत होती है पर हर अल्फाज के साथ अलग दिशाओं को वह रोशनी देती है जो जीवन मे हर मौके को अलग किनारों कि समझ देती है जो जीवन मे हर मोड को अलग एहसास कि रोशनी देकर आगे लेकर जाती है जो जीवन मे हर मोड को अलग तलाश कि जरुरत के संग अलग पुकार मे हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल दिशाओं कि पहचान नही रहती है जो जीवन मे हर उजाले पर अलग मतलब देती है जो जीवन मे हर मोड को अलग उजालों कि तलाश देती है वह उम्मीद हर एहसास मे जवाब के नही दिखती है जो जीवन मे हर पल को अलग उजाले देकर जाती है वह आशाओं कि पहचान उन अल्फाजों मे नही रहती है उनमे तो सिर्फ तलाश कि पुकार हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल मुस्कान कि दास्तान नही रहती है जो जीवन मे हर एहसास पर अलग पहचान देती है जो जीवन मे हर मौके को अलग किनारों कि समझ देती है वह हर मौके को अलग इरादों मे तलाश कि आंधी दिखती है जो जीवन मे हर मोड को अलग किनारों को अलग पुकार देकर जाती है  एहसासों कि आवाज को अलग तलाश कि रोशनी रहती है जो जीवन मे हर मौके के अंदाज मे हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल दिशाओं कि आवाज नही रहती है जो जीवन मे हर खयाल को समझ देती है उनमे एक पहेली हर पल रहती है जो जीवन को सुलझाने कि जरुरत हर एहसास मे अक्सर दिखाती है जो जीवन मे हर किस्से को अलग पुकार से जोडकर आगे जाने कि उम्मीदे देकर जाती है जो जीवन मे अलग किनारों से उलझे हुए किस्सों को और उलझाती है जो जीवन मे हर मकसद मे हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल उम्मीदों कि दुनिया नही रहती है जो जीवन मे हर किस्से को हकीकत देती है जो जीवन मे हर मौके मे अलग तलाश देती है हर खयाल के साथ वह उजाले कि पुकार देती है जो जीवन मे हर किस्से को अलग पुकार देती है जो जीवन मे अलग किनारों को अलग पुकार कि पहचान देकर जाती है जो जीवन मे अलग पुकार को किनारों कि समझ अल्फाज देती है जो जीवन मे हर मतलब मे हर पल रहती है।
हर जवाब मे जाने क्यों आजकल खयालों कि सुलझी कडी नही रहती है जो जीवन मे हर पल को अलग सवालों कि आवाज सिखाये वह सोच रहती है जो जीवन मे अलग किस्सों से लढकर आगे बढते जाने कि उम्मीद देती है जो जीवन मे अलग पुकार को अलग दास्तानों कि सुबह देती है जो जीवन मे हर मोड को अलग परख कि तलाश देकर जाती है जो जीवन मे हर मौके पर अलग अल्फाज कि दिशाएं रोशनी मे हर पल रहती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२४. बदलाव को लहरों की।

                                बदलाव को लहरों की। बदलाव को लहरों की मुस्कान कोशिश सुनाती है दिशाओं को नजारों संग आहट तराना सुनाती है आवाजों...