Tuesday, 23 May 2023

कविता. ४८१५. आवाजों कि धून अक्सर।

                                     आवाजों कि धून अक्सर।

आवाजों कि धून अक्सर नजारों कि समझ पहचान सुनाती है इशारों को दास्तानों कि कहानी तलाश दिलाती है राहों को अंदाजों कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर आशाओं कि सोच कोशिश सुनाती है तरानों को अरमानों कि सुबह तराना दिलाती है किनारों को सपनों कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर अंदाजों कि आस सरगम सुनाती है जज्बातों को खयालों कि सौगात पहचान दिलाती है लम्हों को अरमानों कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर दिशाओं कि कहानी रोशनी सुनाती है नजारों को दिशाओं कि समझ तराना दिलाती है लहरों को इशारों कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर दास्तानों कि परख सहारा सुनाती है लम्हों को अल्फाजों कि राह कोशिश दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर अरमानों कि रोशनी किनारा सुनाती है लहरों को एहसासों कि परख बदलाव दिलाती है नजारों को दिशाओं कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर लहरों कि आहट दास्तान सुनाती है लम्हों को उजालों कि कोशिश अल्फाज दिलाती है इशारों को आशाओं कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर किनारों कि सरगम सौगात सुनाती है इशारों को दास्तानों कि कहानी बदलाव दिलाती है अंदाजों को एहसासों कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर राहों कि कोशिश एहसास सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि समझ सौगात दिलाती है बदलावों को अल्फाजों कि मुस्कान देती है।

आवाजों कि धून अक्सर कदमों कि आहट सपना दिलाती है इशारों को आशाओं कि सोच सपना दिलाती है दिशाओं को किनारों कि मुस्कान देती है।


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