Monday, 8 May 2023

कविता ४८००. उजालों कि सुबह अक्सर।

                                             उजालों कि सुबह अक्सर।

उजालों कि सुबह अक्सर दिशाओं कि कहानी सुनाती है पुकार किसी आस संग आशाओं कि आवाज दिलाती है लम्हों को खयालों कि मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर अरमानों कि कोशिश सुनाती है राह किसी इशारे संग अंदाजों कि तलाश दिलाती है नजारों को दास्तानों कि मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर अंदाजों कि आस सुनाती है आहट किसी लम्हे संग कदमों कि पुकार दिलाती है अरमानों को दिशाओं कि मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर जज्बातों कि रोशनी सुनाती है अदा किसी नजारे संग किनारों कि सोच दिलाती है कदमों को एहसासों कि मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर दास्तानों कि सौगात सुनाती है रोशनी किसी उम्मीद संग सपनों कि सुबह दिलाती है बदलावों को आशाओं कि मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर आशाओं कि सरगम सुनाती है बदलाव किसी आवाज संग कदमों कि कोशिश दिलाती है किनारों कि मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर उम्मीदों कि आहट सुनाती है सपना किसी खयाल संग एहसासों कि रोशनी दिलाती है लहरों को इशारों कि मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर तरानों कि अल्फाज सुनाती है बदलाव किसी आस संग आवाजों कि धून दिलाती है एहसासों कि समझ मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर लहरों कि सोच सुनाती है अफसाना किसी कोशिश संग आशाओं कि सरगम दिलाती है लम्हों कि सोच मुस्कान देकर जाती है।

उजालों कि सुबह अक्सर दास्तानों कि परख सुनाती है आस किसी पहचान संग इरादों कि सौगात दिलाती है आशाओं कि आहट मुस्कान देकर जाती है।

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कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

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