Sunday, 12 January 2025

कविता. ५३८५. नजारों को दिशाओं की।

                           नजारों को दिशाओं की।

नजारों को दिशाओं की कहानी सरगम दिलाती है लहरों को आशाओं की मुस्कान पहचान सुनाती है तरानों को अरमानों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की कोशिश अफसाना दिलाती है लम्हों को कदमों की रोशनी एहसास सुनाती है आवाजों को बदलावों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की सोच इरादा दिलाती है सपनों को अंदाजों की परख उमंग सुनाती है जज्बातों को खयालों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की आस उम्मीद दिलाती है दास्तानों को राहों की समझ सरगम सुनाती है अंदाजों को किनारों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की परख अरमान दिलाती है उजालों को खयालों की कहानी अफसाना सुनाती है अदाओं को लम्हों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की सौगात तलाश दिलाती है जज्बातों को किनारों की आहट तलाश सुनाती है इरादों को अफसानों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की समझ सुबह दिलाती है उम्मीदों को आवाजों की सोच इशारा सुनाती है अल्फाजों को सपनों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की उमंग सहारा दिलाती है एहसासों को अदाओं की रोशनी पहचान सुनाती है दास्तानों को राहों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की आवाज उजाला दिलाती है कदमों को उम्मीदों की कहानी अरमान सुनाती है बदलावों को लहरों की पुकार सुनाती है।

नजारों को दिशाओं की आहट अंदाज दिलाती है खयालों को इशारों की समझ सरगम सुनाती है इरादों को अदाओं की पुकार सुनाती है।

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