Thursday, 23 January 2025

कविता. ५३९६. अरमानों संग उजियारे की।

                         अरमानों संग उजियारे की।

अरमानों संग उजियारे की कहानी मुस्कान दिलाती है लहरों को इशारों की समझ एहसास सुनाती है नजारों को खयालों की परख आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की रोशनी अफसाना दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की आस अल्फाज सुनाती है कदमों को लहरों की आहट आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की सोच पहचान दिलाती है बदलावों को लम्हों की कोशिश बदलाव सुनाती है दास्तानों को दिशाओं की सौगात आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की सौगात तलाश दिलाती है राहों को किनारों की पुकार अंदाज सुनाती है आशाओं को एहसासों की रोशनी आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की उमंग खयाल दिलाती है अल्फाजों को उम्मीदों की तलाश उम्मीद सुनाती है दास्तानों को लम्हों की पहचान आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की आस तराना दिलाती है जज्बातों को सपनों की सौगात एहसास सुनाती है इरादों को उम्मीदों की कहानी आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की आहट कोशिश दिलाती है इरादों को इशारों की सोच अहमियत सुनाती है राहों को अंदाजों की परख आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की उम्मीद समझ दिलाती है नजारों को खयालों की सरगम जज्बात सुनाती है अल्फाजों को सपनों की सुबह आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की लहर इशारा दिलाती है धाराओं को कदमों की परख मुस्कान सुनाती है तरानों को अफसानों की समझ आवाज दिलाती है।

अरमानों संग उजियारे की दास्तान लहर दिलाती है अदाओं को दिशाओं की कहानी पुकार सुनाती है उजालों को सपनों की आस आवाज दिलाती है।

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