Saturday, 25 January 2025

कविता. ५३९८. सपनों को अंदाजों संग।

                          सपनों को अंदाजों संग।

सपनों को अंदाजों संग तलाश दिलाती है किनारों को अफसानों से अदाओं की पहचान इशारा देती है अरमानों की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग आस दिलाती है खयालों को नजारों से राहों की पुकार अहमियत देती है आवाजों की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग मुस्कान दिलाती है लहरों को दास्तानों से दिशाओं की सौगात कोशिश देती है तरानों की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग तराना दिलाती है अरमानों को लम्हों से कदमों की आहट अल्फाज देती है आशाओं की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग परख दिलाती है इशारों को जज्बातों से तरानों की सुबह सरगम देती है अदाओं की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग कोशिश दिलाती है उजालों को आवाजों से एहसासों की उमंग दास्तान देती है किनारों की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग लहर दिलाती है जज्बातों को बदलावों से किनारों की सोच रोशनी देती है इरादों की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग दास्तान दिलाती है राहों को आशाओं से लम्हों की उम्मीद उमंग देती है अरमानों की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग नजारा दिलाती है इरादों को किनारों से उजालों की रोशनी बदलाव देती है लहरों की सोच देती है।

सपनों को अंदाजों संग सहारा दिलाती है कदमों को अल्फाजों से लहरों की सरगम जज्बात देती है दिशाओं की सोच देती है।

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