Monday, 20 January 2025

कविता. ५३९३. किनारों को अल्फाजों की।

                           किनारों को अल्फाजों की।

किनारों को अल्फाजों की समझ तलाश दिलाती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान कोशिश दिलाती है तरानों को अरमानों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की आस नजारा दिलाती है अंदाजों को जज्बातों की कहानी एहसास दिलाती है आवाजों को कदमों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की आहट मुस्कान दिलाती है राहों को सपनों की उमंग अफसाना दिलाती है उजालों को एहसासों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की रोशनी उम्मीद दिलाती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की सोच अफसाना दिलाती है इशारों को कदमों की आहट परख दिलाती है अदाओं को दास्तानों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की सौगात कोशिश दिलाती है उजालों को एहसासों की आस पुकार दिलाती है जज्बातों को लहरों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की उमंग खयाल दिलाती है दिशाओं को इरादों की रोशनी बदलाव दिलाती है धाराओं को अफसानों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की पुकार पहचान दिलाती है उम्मीदों को जज्बातों की आस खयाल दिलाती है आशाओं को बदलावों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की कहानी समझ दिलाती है सपनों को नजारों की सोच अफसाना दिलाती है उजालों को राहों की सरगम सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की सुबह दास्तान दिलाती है खयालों को अंदाजों की कोशिश परख दिलाती है नजारों को दिशाओं की सरगम सुनाती है।

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कविता. ५४७८. एक कोशिश अक्सर।

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