Thursday, 30 January 2025

कविता. ५४०३. अल्फाजों की दुनिया अक्सर।

                     अल्फाजों की दुनिया अक्सर।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर एहसासों की धून दिलाकर जाती है जज्बातों को किनारों संग आवाजों की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर बदलावों की रोशनी दिलाकर जाती है खयालों को उजालों संग तरानों की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर अरमानों की समझ दिलाकर जाती है कदमों को लहरों संग आशाओं की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर नजारों की परख दिलाकर जाती है राहों को दास्तानों संग अंदाजों की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर उजालों की कोशिश दिलाकर जाती है उम्मीदों को इशारों संग कदमों की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर खयालों की सोच दिलाकर जाती है आशाओं को बदलावों संग लम्हों की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर उम्मीदों की आहट दिलाकर जाती है अरमानों को दिशाओं संग इरादों की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर अदाओं की सरगम दिलाकर जाती है जज्बातों को धाराओं संग नजारों की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर आवाजों की पुकार दिलाकर जाती है एहसासों को किनारों संग उजालों की पहचान सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया अक्सर राहों की अहमियत दिलाकर जाती है अफसानों को आशाओं संग बदलावों की पहचान सुनाती है।

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