Wednesday, 15 January 2025

कविता. ५३८८. आस को दिशाओं की।

                            आस को दिशाओं की।

आस को दिशाओं की पहचान सहारा देती है दास्तानों को लम्हों की कोशिश इशारा देती है उजालों को सपनों की पुकार अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की सौगात तलाश देती है अल्फाजों को राहों की अहमियत सहारा देती है जज्बातों को किनारों की कहानी अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की आहट उम्मीद देती है उम्मीदों को कदमों की रोशनी सपना देती है लहरों को एहसासों की समझ अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की आवाज धून देती है नजारों को दिशाओं की समझ सरगम देती है खयालों को अंदाजों की परख अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की लहर बदलाव देती है अदाओं को अंदाजों की राह तराना देती है आशाओं को लम्हों की सोच अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की उमंग सपना देती है इशारों को खयालों की मुस्कान किनारा देती है इरादों को बदलावों की सौगात अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की परख जज्बात देती है धाराओं को दिशाओं की कहानी सोच देती है उम्मीदों को नजारों की आहट अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की रोशनी उजाला देती है एहसासों को खयालों की परख आवाज देती है अफसानों को आशाओं की कहानी अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की कहानी सोच देती है आवाजों को सपनों की आहट इरादा देती है कदमों को एहसासों की रोशनी अरमान देकर जाती है।

आस को दिशाओं की कोशिश जज्बात देती है किनारों को उजालों की पुकार अंदाज देती है नजारों को खयालों की सौगात अरमान देकर जाती है।



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