Friday, 3 January 2025

कविता. ५३७६. किनारों को अल्फाजों की।

                          किनारों को अल्फाजों की।

किनारों को अल्फाजों की मुस्कान अफसाना सुनाती है अरमानों की पुकार अक्सर आशाओं संग तलाश सुनाती है इरादों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की दास्तान पहचान सुनाती है आवाजों की धून अक्सर उजालों संग अहमियत सुनाती है जज्बातों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की परख कोशिश सुनाती है उजालों की सुबह अक्सर एहसासों संग अंदाज सुनाती है नजारों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की आस नजारा सुनाती है उम्मीदों की लहर अक्सर आवाजों संग पहचान सुनाती है कदमों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की आहट तलाश सुनाती है इशारों की समझ अक्सर खयालों संग आहट सुनाती है सपनों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की पुकार एहसास सुनाती है आशाओं की सोच अक्सर धाराओं संग इशारा सुनाती है बदलावों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की उमंग लहर सुनाती है तरानों की मुस्कान अक्सर कदमों संग सोच सुनाती है अफसानों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की सौगात अदा सुनाती है उम्मीदों की सरगम अक्सर सपनों संग तराना सुनाती है एहसासों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की उमंग आवाज सुनाती है अंदाजों की सौगात अक्सर इशारों संग अरमान सुनाती है खयालों की कहानी सुनाती है।

किनारों को अल्फाजों की समझ इरादा सुनाती है लम्हों की पहचान अक्सर बदलावों संग पुकार सुनाती है लहरों की कहानी सुनाती है।

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कविता. ५४७७. खयालों की सरगम अक्सर।

                      खयालों की सरगम अक्सर। खयालों की सरगम अक्सर सपना सुनाती है एहसासों से किनारों की मुस्कान अहमियत दिलाती है अदाओं की धून ...