Monday, 13 January 2025

कविता. ५३८६. किनारों संग इशारों की।

                               किनारों संग इशारों की।

किनारों संग इशारों की समझ एहसास सुनाती है अरमानों को अदाओं की पहचान खयाल दिलाती है लहरों को नजारों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की कहानी आस सुनाती है उजालों को बदलावों की तलाश उम्मीद दिलाती है सपनों को जज्बातों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की सौगात अल्फाज सुनाती है जज्बातों को राहों की सरगम अफसाना दिलाती है एहसासों को कदमों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की कोशिश उमंग सुनाती है दास्तानों को आशाओं की मुस्कान अरमान दिलाती है अफसानों को अरमानों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की सुबह उम्मीद सुनाती है आवाजों को दिशाओं की सोच नजारा दिलाती है तरानों को इरादों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की रोशनी आहट सुनाती है लहरों को एहसासों की पुकार अंदाज दिलाती है खयालों को लम्हों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की सोच इरादा सुनाती है उम्मीदों को इरादों की सौगात आवाज दिलाती है अल्फाजों को दास्तानों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की अदा अरमान सुनाती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान सहारा दिलाती है उम्मीदों को तरानों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की पुकार आवाज सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की आस कोशिश दिलाती है इरादों को लहरों की अहमियत दिलाती है।

किनारों संग इशारों की तलाश लहर सुनाती है आवाजों को दास्तानों की सोच सौगात दिलाती है खयालों को उजालों की अहमियत दिलाती है।


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