एक सरगम सी मन मे।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है उम्मीदों की कश्ती किनारों का परिंदा बनकर उडती है उजालों से लहरों की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है अरमानों की उड़ान एहसासों का इशारा बनकर निकलती है जज्बातों से सपनों की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है तरानों की सुबह अफसानों का आस बनकर बढती है नजारों से बदलावों की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है खयालों की मुस्कान दास्तानों का इरादा बनकर चलती है जज्बातों से उजालों की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है धाराओं की आहट किनारों का सपना बनकर जाती है राहों से अंदाजों की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है अफसानों की उमंग लम्हों का तराना बनकर आती है कदमों की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है बदलावों की तलाश खयालों का अफसाना बनकर गुनगुनाती है लम्हों से दिशाओं की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है लम्हों की सोच किनारों का अल्फाज बनकर सुनाती है उम्मीदों से आशाओं की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है किनारों की सुबह लहरों का इरादा बनकर चलती है आवाजों से सपनों की पुकार देती है।
एक सरगम सी मन मे जब जिन्दा होती है जज्बातों की आहट एहसासों का नजारा बनकर निकलती है दास्तानों की पुकार देती है।
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