Tuesday, 14 January 2025

कविता. ५३८७. तरानों संग सपनों की।

                            तरानों संग सपनों की।

तरानों संग सपनों की समझ अफसाना देती है जज्बातों को कदमों की मुस्कान इशारा देती है लम्हों को अरमानों की सौगात तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की सोच अल्फाज देती है किनारों को सपनों की सुबह आवाज देती है दिशाओं को बदलावों की कहानी तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की आवाज पुकार देती है नजारों को दिशाओं की कोशिश उमंग देती है जज्बातों को अंदाजों की आहट तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की उम्मीद उजाला देती है लहरों को इशारों की रोशनी बदलाव देती है खयालों को इरादों की अहमियत तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की सुबह पहचान देती है आवाजों को अरमानों की कहानी सहारा देती है अदाओं को राहों की परख तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की उमंग आस देती है इरादों को आशाओं की रोशनी अफसाना देती है दास्तानों को नजारों की समझ तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की सरगम अरमान देती है दिशाओं को कदमों की पुकार पहचान देती है लहरों को एहसासों की सोच तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की सौगात इरादा देती है लम्हों को खयालों की पहचान सहारा देती है अल्फाजों को उजालों की सुबह तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की उम्मीद खयाल देती है कदमों को लम्हों की परख इरादा देती है आशाओं को अंदाजों की सरगम तलाश देती है।

तरानों संग सपनों की पुकार लम्हा देती है आशाओं को नजारों की सौगात किनारा देती है आवाजों को अदाओं की धून तलाश देती है।

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