Tuesday, 2 December 2025

कविता. ५७०९. एक सपने संग।

                                 एक सपने संग।

एक सपने संग उम्मीदों की मुस्कान इशारा देती है आशाओं को अंदाजों की लहर दास्तान देकर जाती है कदमों की आस सुनाती है।

एक सपने संग खयालों की‌ उमंग तलाश देती है किनारों को अल्फाजों की दुनिया सरगम देकर जाती है आवाजों की आस सुनाती है।

एक सपने संग अरमानों की समझ एहसास देती है नजारों को लम्हों की अहमियत कोशिश देकर जाती है उजालों की आस सुनाती है।

एक सपने संग आवाजों की धून अफसाना देती है दिशाओं को बदलावों की सौगात तराना देकर जाती है अफसानों की आस सुनाती है।

एक सपने संग आशाओं की पहचान उजाला देती है धाराओं को उम्मीदों की पुकार बदलाव देकर जाती है इशारों की आस सुनाती है।

एक सपने संग जज्बातों की राह आवाज देती है तरानों को अफसानों की कहानी लम्हा देकर जाती है खयालों की आस सुनाती है।

एक सपने संग एहसासों की सोच रोशनी देती है आवाजों को उजालों की सुबह इरादा देकर जाती है लहरों की आस सुनाती है।

एक सपने संग इरादों की सरगम अफसाना देती है किनारों को दिशाओं की महफिल उमंग देकर जाती है उम्मीदों की आस सुनाती है।

एक सपने संग अल्फाजों की तलाश पहचान देती है अदाओं को कदमों की सौगात खयाल देकर जाती है आशाओं की आस सुनाती है।

एक सपने संग तरानों की सरगम बदलाव देती है खयालों को नजारों की परख आवाज देकर जाती है राहों की आस सुनाती है।

Monday, 1 December 2025

कविता. ५७०८. दास्तान को कदमों की।

                            दास्तान को कदमों की।

दास्तान को कदमों की सौगात उजाला दिलाती है किनारों को अंदाजों की पहचान कोशिश दिलाती है लहरों को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की रोशनी आवाज दिलाती है लम्हों को एहसासों की सौगात अहमियत दिलाती है इशारों को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की सुबह उमंग दिलाती है जज्बातों को बदलावों की रोशनी अफसाना दिलाती है खयालों को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की आस अरमान दिलाती है राहों को नजारों की पहचान किनारा दिलाती है अल्फाजों को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की जज्बात मुस्कान दिलाती है किनारों को सपनों की राह अंदाज दिलाती है बदलावों को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की सोच खयाल‌ दिलाती है धाराओं को इशारों की तलाश समझ दिलाती है आशाओं को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की आवाज इशारा दिलाती है तरानों को अल्फाजों की दुनिया सरगम दिलाती है उजालों को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की परख आहट दिलाती है आशाओं को लम्हों की कहानी इरादा दिलाती है अंदाजों को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की उम्मीद सहारा दिलाती है अरमानों को किनारों की परख तलाश दिलाती है दिशाओं को पुकार दिलाती है।

दास्तान को कदमों की सरगम सोच दिलाती है खयालों को इशारों की सौगात मुस्कान दिलाती है अदाओं को पुकार दिलाती है।

कविता. ५७०९. एक सपने संग।

                                 एक सपने संग। एक सपने संग उम्मीदों की मुस्कान इशारा देती है आशाओं को अंदाजों की लहर दास्तान देकर जाती है कदम...