Thursday, 13 March 2025

कविता. ५४४५. राहों की रोशनी अक्सर।

                            राहों की रोशनी अक्सर।

राहों की रोशनी अक्सर खयालों संग उमंग दिलाती है लम्हों को कदमों की तलाश इशारा दिलाती है किनारों की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर बदलावों संग कोशिश दिलाती है दास्तानों को नजारों की आहट सपना दिलाती है अदाओं की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर अरमानों संग आस दिलाती है जज्बातों को इशारों की सोच अफसाना दिलाती है अंदाजों की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर अफसानों संग इरादा दिलाती है आशाओं को अरमानों की समझ आवाज दिलाती है तरानों की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर लम्हों संग कोशिश दिलाती है लहरों को अफसानों की उमंग आस दिलाती है आवाजों की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर जज्बातों संग आवाज दिलाती है एहसासों को इशारों की अहमियत तलाश दिलाती है उजालों की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर कदमों संग अफसाना दिलाती है बदलावों को धाराओं की सोच तराना दिलाती है कदमों की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर नजारों संग परख दिलाती है किनारों को अंदाजों की अहमियत पहचान दिलाती है इशारों की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर उम्मीदों संग आस दिलाती है आवाजों को अल्फाजों की सौगात तलाश दिलाती है खयालों की मुस्कान देकर जाती है।

राहों की रोशनी अक्सर दास्तानों संग पुकार दिलाती है तरानों को उम्मीदों की सरगम कोशिश दिलाती है अल्फाजों की मुस्कान देकर जाती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

                       अरमानों की आहट अक्सर। अरमानों की आहट  अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों को अफसा...