Sunday, 2 March 2025

कविता. ५४३४. अरमानों की सोच अक्सर।

                        अरमानों की सोच अक्सर।

अरमानों की सोच अक्सर आहट दिलाती है लहरों को खयालों की कोशिश अहमियत दिलाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर आवाज दिलाती है आशाओं को बदलावों की सौगात मुस्कान दिलाती है अंदाजों को सपनों की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर लहर दिलाती है नजारों को दिशाओं की सरगम तराना दिलाती है इशारों को जज्बातों की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर खयाल दिलाती है तरानों को लहरों की आस दास्तान दिलाती है बदलावों को धाराओं की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर रोशनी दिलाती है लम्हों को आवाजों की धून पहचान दिलाती है उजालों को एहसासों की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर सहारा दिलाती है किनारों को लम्हों की समझ सरगम दिलाती है उम्मीदों को राहों की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर आस दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की पुकार सौगात दिलाती है इरादों को अदाओं की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर सुबह दिलाती है एहसासों को कदमों की तलाश इशारा दिलाती है तरानों को लम्हों की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर अफसाना दिलाती है सपनों को जज्बातों की पुकार रोशनी दिलाती है खयालों को नजारों की दुनिया दिलाती है।

अरमानों की सोच अक्सर कोशिश दिलाती है उम्मीदों को तरानों की आहट सुबह दिलाती है नजारों को लहरों की दुनिया दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...