Thursday, 6 March 2025

कविता. ५४३८. उजालों को सपनों की।

                           उजालों को सपनों की।

उजालों को सपनों की आस अल्फाज सुनाती है तरानों को बदलावों की कोशिश उमंग दिलाती है लम्हों को आशाओं की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की आवाज खयाल सुनाती है कदमों को अरमानों की सोच किनारा दिलाती है राहों को दास्तानों की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की सुबह तलाश सुनाती है इशारों को एहसासों की पुकार अहमियत दिलाती है लहरों को दिशाओं की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की सोच लहर सुनाती है अफसानों को नजारों की आहट पहचान दिलाती है अदाओं को किनारों की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की सौगात उम्मीद सुनाती है जज्बातों को अल्फाजों की दुनिया आस दिलाती है इशारों को अरमानों की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की राह अहमियत सुनाती है अंदाजों को खयालों की रोशनी लहर दिलाती है दिशाओं को लम्हों की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की समझ सोच सुनाती है अरमानों को जज्बातों की पुकार पहचान दिलाती है इरादों को लहरों की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की परख मुस्कान सुनाती है उम्मीदों को तरानों की आहट अफसाना दिलाती है कदमों को अल्फाजों की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की पहचान पुकार सुनाती है किनारों को लम्हों की सोच मुस्कान दिलाती है राहों को अदाओं की सरगम सुनाती है।

उजालों को सपनों की समझ इरादा सुनाती है अंदाजों को नजारों की आस बदलाव दिलाती है कदमों को आवाजों की सरगम सुनाती है।


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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...