Monday, 17 March 2025

कविता. ५४४९. सपनों की एक लहर।

                            सपनों की एक लहर।

सपनों की एक लहर एहसास नयासा देती है किनारों को कदमों की आहट अफसाना देती है अदाओं को खयालों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर तराना नयासा देती है लम्हों को एहसासों की कोशिश बदलाव देती है किनारों को अंदाजों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर इशारा नयासा देती है अफसानों को उजालों की रोशनी खयाल देती है आशाओं को बदलावों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर अंदाज नयासा देती है अरमानों को दास्तानों की समझ इरादा देती है अल्फाजों को नजारों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर किनारा नयासा देती है दिशाओं को जज्बातों की पुकार सौगात देती है उजालों को आवाजों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर बदलाव नयासा देती है अंदाजों को नजारों की सोच अहमियत देती है अरमानों को लम्हों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर अल्फाज नयासा देती है उजालों को उम्मीदों की सौगात तलाश देती है धाराओं को कदमों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर नजारा नयासा देती है आशाओं को अरमानों की सुबह आवाज देती है अफसानों को राहों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर खयाल नयासा देती है दास्तानों को इशारों की कोशिश इरादा देती है उजालों को उम्मीदों की पहचान देती है।

सपनों की एक लहर इरादा नयासा देती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया आवाज देती है आवाजों को अफसानों की पहचान देती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...