Saturday, 8 March 2025

कविता. ५४४०. दिशाओं को किनारों की।

                         दिशाओं को किनारों की।

दिशाओं को किनारों की कोशिश दास्तान सुनाती है एहसासों को सपनों की पहचान उमंग सुनाती है तरानों की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की पुकार अफसाना सुनाती है नजारों को लम्हों की अहमियत आस सुनाती है आवाजों की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की सोच अरमान सुनाती है अदाओं को खयालों की सरगम अंदाज सुनाती है इशारों की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की समझ सपना सुनाती है तरानों को बदलावों की उम्मीद तलाश सुनाती है जज्बातों की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की सौगात इरादा सुनाती है कदमों को अल्फाजों की सुबह इशारा सुनाती है अदाओं की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की आस खयाल‌ सुनाती है दास्तानों को नजारों की मुस्कान उम्मीद सुनाती है अंदाजों की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की रोशनी बदलाव सुनाती है अदाओं को एहसासों की पहचान सपना सुनाती है इरादों की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की परख आवाज सुनाती है इरादों को अल्फाजों की दुनिया आस सुनाती है अरमानों की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की मुस्कान अदा सुनाती है इशारों को जज्बातों की पुकार खयाल सुनाती है लहरों की आहट सुनाती है।

दिशाओं को किनारों की सुबह बदलाव सुनाती है अंदाजों को कदमों की आवाज तराना सुनाती है आशाओं की आहट सुनाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५४७०. उजालों को आशाओं की।

                            उजालों को आशाओं की। उजालों को आशाओं की सरगम सुबह दिलाती है कदमों की सौगात अक्सर मुस्कान सुनाती है एहसासों की आवा...