Saturday, 22 March 2025

कविता. ५४५४. अदाओं की एक लहर अक्सर।

                       अदाओं की एक लहर अक्सर।

अदाओं की एक लहर अक्सर पुकार सुहानी देती है किनारों को कदमों की आस पहचान देकर चलती है तरानों की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर आवाज सुहानी देती है अरमानों को आशाओं की मुस्कान कोशिश देकर चलती है जज्बातों की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर अंदाज सुहानी देती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया सरगम देकर चलती है खयालों की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर पहचान सुहानी देती है अफसानों को राहों की रोशनी इशारा देकर चलती है आवाजों की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर सोच सुहानी देती है दास्तानों को नजारों की तलाश रोशनी देकर चलती है इशारों की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर मुस्कान सुहानी देती है एहसासों को किनारों की परख अरमान देकर चलती है नजारों की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर सौगात सुहानी देती है इरादों को अफसानों की सरगम सपना देकर चलती है लहरों की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर आस सुहानी देती है उजालों को नजारों की रोशनी अफसाना देकर चलती है धाराओं की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर कोशिश सुहानी देती है जज्बातों को बदलावों की सोच नजारा देकर चलती है उजालों की आहट सुनाती रहती है।

अदाओं की एक लहर अक्सर सरगम सुहानी देती है अल्फाजों को दिशाओं की सुबह उमंग देकर चलती है लम्हों की आहट सुनाती रहती है।


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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...