Wednesday, 19 March 2025

कविता. ५४५१. आवाज अक्सर दास्तानों की।

                         आवाज अक्सर दास्तानों की।

आवाज अक्सर दास्तानों की कहानी सुनाती है एहसासों को लम्हों की पहचान इशारा देकर जाती है कदमों की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की समझ सुनाती है नजारों को अफसानों की कोशिश रोशनी देकर जाती है जज्बातों की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की उम्मीद सुनाती है तरानों को बदलावों की आस उजाला देकर जाती है खयालों की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की सोच सुनाती है इशारों को अरमानों की पुकार सरगम देकर जाती है धाराओं की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की कोशिश सुनाती है दिशाओं को कदमों की समझ परख देकर जाती है अंदाजों की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की पहचान सुनाती है अल्फाजों को नजारों की अहमियत सुबह देकर जाती है किनारों की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की पुकार सुनाती है इशारों को एहसासों की आस तराना देकर जाती है बदलावों की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की आहट सुनाती है तरानों को इशारों की अदा पहचान देकर जाती है लहरों की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की राह सुनाती है अरमानों को लम्हों की तलाश सोच देकर जाती है इरादों की सौगात दिलाती है।

आवाज अक्सर दास्तानों की लहर सुनाती है सपनों को अंदाजों की पुकार राह देकर जाती है एहसासों की सौगात दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...