Wednesday, 26 March 2025

कविता. ५४५८. रोशनी को सपनों की।

                           रोशनी को सपनों की।

रोशनी को सपनों की आहट सरगम सुनाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश खयाल देकर जाती है आशाओं को बदलावों की आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की पुकार कोशिश सुनाती है तरानों को अफसानों की सोच अंदाज देकर जाती है इरादों को किनारों की आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की सुबह अरमान सुनाती है अंदाजों को नजारों की समझ आवाज देकर जाती है उम्मीदों को जज्बातों की आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की पहचान सौगात सुनाती है दास्तानों को तरानों की आहट उमंग देकर‌ जाती है राहों को खयालों की आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की परख उमंग सुनाती है एहसासों को इरादों की पहचान अहमियत देकर जाती है कदमों को अदाओं की आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की लहर अफसाना सुनाती है आशाओं को एहसासों की उम्मीद तलाश देकर जाती है लहरों को तरानों की आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की उम्मीद सोच सुनाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया पहचान देकर जाती है अफसानों को इशारों की आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की तलाश इरादा सुनाती है आवाजों को धाराओं की कोशिश उजाला देकर जाती है राहों को लम्हों की आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की आवाज तराना‌ सुनाती है खयालों को किनारों की मुस्कान समझ देकर जाती है दिशाओं को कदमों की‌ आस सुनाती है।

रोशनी को सपनों की अंदाज पहचान सुनाती है लम्हों को तरानों की सौगात आहट देकर जाती है एहसासों को अरमानों की आस सुनाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५४७१. लहरों की कहानी अक्सर।

                          लहरों की कहानी अक्सर। लहरों की कहानी अक्सर आशाओं की सरगम दिलाती है सपनों को अरमानों की पुकार एहसास सुनाती है तरानो...