Saturday, 15 March 2025

कविता. ५४४७. आशाओं की उमंग अक्सर।

                        आशाओं की उमंग अक्सर।

आशाओं की उमंग अक्सर एहसासों की पुकार देती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया मुस्कान देती है जज्बातों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर खयालों की सरगम देती है किनारों को लहरों की अहमियत पहचान देती है तरानों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर लम्हों की आवाज देती है इशारों को उजालों की सुबह बदलाव देती है अंदाजों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर दिशाओं की पहचान देती है अदाओं को नजारों की आहट इरादा देती है सपनों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर आवाजों की धून देती है आवाजों को धाराओं की समझ मुस्कान देती है राहों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर दास्तानों की अंदाज देती है अफसानों को सपनों की कोशिश आस देती है उम्मीदों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर राहों की पुकार देती है किनारों को बदलावों की पहचान परख देती है इशारों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर दिशाओं की आस देती है तरानों को इरादों की आहट कोशिश देती है उजालों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर अफसानों की सोच देती है कदमों को अल्फाजों की आस एहसास देती है खयालों को अरमान देती है।

आशाओं की उमंग अक्सर उजालों की सुबह देती है इशारों को जज्बातों की सरगम तलाश देती है सपनों को अरमान देती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...