Sunday, 16 March 2025

कविता. ५४४८. उजालों को अरमानों की।

                         उजालों को अरमानों की।

उजालों को अरमानों की सोच अल्फाज दिलाती है किनारों को कदमों की आहट अंदाज दिलाती है लहरों को खयालों की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की आस पहचान दिलाती है दिशाओं को लहरों की पुकार दास्तान दिलाती है नजारों को लम्हों की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की रोशनी एहसास दिलाती है इरादों को बदलावों की आस अहमियत दिलाती है जज्बातों को राहों की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की सुबह उमंग दिलाती है आशाओं को सपनों की पहचान सहारा दिलाती है अंदाजों को नजारों की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की सौगात तलाश दिलाती है उम्मीदों को अल्फाजों की दुनिया बदलाव दिलाती है अदाओं को इरादों की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की परख जज्बात दिलाती है किनारों को अफसानों की उमंग पहचान दिलाती है आशाओं को कदमों की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की आवाज मुस्कान दिलाती है अल्फाजों को नजारों की सोच पुकार दिलाती है दास्तानों को अफसानों की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की आहट तलाश दिलाती है दिशाओं को बदलावों की सुबह एहसास दिलाती है कदमों को तरानों की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की सौगात तराना दिलाती है दास्तानों को लहरों की कोशिश इशारा दिलाती है आवाजों को धाराओं की सरगम दिलाती है।

उजालों को अरमानों की समझ उमंग दिलाती है लम्हों को एहसासों की आहट तलाश दिलाती है अंदाजों को जज्बातों की सरगम दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...