Sunday, 12 October 2025

कविता. ५६५८. किनारों की कहानी अक्सर।

                         किनारों की कहानी अक्सर।

किनारों की कहानी अक्सर एहसास दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की दुनिया सुबह दिलाती है उजालों को सपनों की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर पहचान दिलाती है अदाओं को एहसासों की उमंग खयाल दिलाती है जज्बातों को बदलावों की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर अरमान दिलाती है दिशाओं को लहरों की पुकार आस दिलाती है अंदाजों को नजारों की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर मुस्कान दिलाती है राहों को अरमानों की कोशिश इरादा दिलाती है उम्मीदों को तरानों की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर आवाज दिलाती है अफसानों को कदमों की आहट तलाश दिलाती है दिशाओं को लहरों की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर दास्तान दिलाती है खयालों को राहों की रोशनी पहचान दिलाती है आशाओं को धाराओं की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर सौगात दिलाती है अंदाजों को नजारों की मुस्कान पुकार दिलाती है अरमानों को लम्हों की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर सुबह दिलाती है उजालों को आवाजों की धून इशारा दिलाती है खयालों को राहों की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर आस दिलाती है इशारों को अफसानों की कोशिश लहर दिलाती है दिशाओं को अदाओं की सरगम दिलाती है।

किनारों की कहानी अक्सर परख दिलाती है आशाओं को उम्मीदों की पहचान उमंग दिलाती है इशारों को जज्बातों की सरगम दिलाती है।


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