Wednesday, 1 October 2025

कविता. ५६४७. जज्बात की कहानी अक्सर।

                      जज्बात की कहानी अक्सर।

जज्बात की कहानी अक्सर एहसास सुहाना देती है आशाओं को खयालों की सरगम इशारा देती है किनारों को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर अरमान सुहाना देती है तरानों को बदलावों की कोशिश उमंग देती है नजारों को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर इरादा सुहाना देती है अंदाजों को सपनों की पुकार पहचान देती है आशाओं को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर बदलाव सुहाना देती है कदमों को लहरों की उम्मीद दास्तान देती है अदाओं को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर तराना सुहाना देती है उजालों को आशाओं की महफिल आस देती है खयालों को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर इशारा सुहाना देती है दिशाओं को नजारों की आहट कोशिश देती है उजालों को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर अल्फाज सुहाना देती है राहों को अरमानों की सोच पुकार देती है कदमों को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर अंदाज सुहाना देती है किनारों को अदाओं की धून परख देती है आवाजों को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर उजाला सुहाना देती है एहसासों को कदमों की सोच पहचान देती है उम्मीदों को अफसाना देती है।

जज्बात की कहानी अक्सर किनारा सुहाना देती है आशाओं को अंदाजों की पुकार लहर देती है बदलावों को अफसाना देती है।

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