Saturday, 18 October 2025

कविता. ५६६४. आशाओं संग लहर अक्सर।

                        आशाओं संग लहर अक्सर।

आशाओं संग लहर अक्सर एहसासों की पहचान दिलाती है दास्तानों को नजारों की उमंग संग मुस्कान इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर अफसानों की सौगात दिलाती है उजालों को सपनों की आहट संग तलाश इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर अंदाजों की कोशिश दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की दुनिया संग समझ इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर आवाजों की धून दिलाती है बदलावों को धाराओं की सरगम संग कोशिश इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर उजालों की रोशनी दिलाती है किनारों को कदमों की अहमियत संग उम्मीद इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर इरादों की सुबह दिलाती है खयालों को अरमानों की पुकार संग आवाज इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर दास्तानों की आवाज दिलाती है तरानों को अफसानों की आस संग आहट इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर किनारों की कोशिश दिलाती है बदलावों को धाराओं की समझ संग आस इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर जज्बातों की सरगम दिलाती है राहों को नजारों की पहचान संग सोच इशारा दिलाती है।

आशाओं संग लहर अक्सर लम्हों की कहानी दिलाती है उम्मीदों को तरानों की अहमियत संग सोच इशारा दिलाती है।

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