Tuesday, 14 October 2025

कविता. ५६६०. कदमों को अल्फाजों की।

                         कदमों को अल्फाजों की।

कदमों को अल्फाजों की दुनिया सरगम सुनाती है एहसासों की पुकार अक्सर जज्बातों की रोशनी देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की पहचान सोच सुनाती है दिशाओं की समझ अक्सर आवाजों की धून देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की उमंग तलाश सुनाती है लहरों की कहानी अक्सर अरमानों की अहमियत देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की कोशिश सौगात सुनाती है उजालों की दुनिया अक्सर अंदाजों की सपना देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की रोशनी पुकार सुनाती है इशारों की आहट अक्सर बदलावों की आस देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की सुबह अफसाना सुनाती है तरानों की राह अक्सर लहरों की कहानी देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की समझ उमंग सुनाती है उम्मीदों की तलाश अक्सर सपनों की आवाज देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की अदा दास्तान सुनाती है आशाओं की सोच अक्सर नजारों की कोशिश देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की राह कहानी सुनाती है किनारों की मुस्कान अक्सर जज्बातों की तलाश देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की सुबह इरादा सुनाती है अंदाजों की पुकार अक्सर दिशाओं की महफिल देकर आगे बढती जाती है।

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