Thursday, 16 October 2025

कविता. ५६६२. एक दास्तान अक्सर।

                             एक दास्तान अक्सर।

एक दास्तान अक्सर इशारों संग अरमान सुनाती है लम्हों को आशाओं की महफिल लहर‌ दिलाती है दिशाओं को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर कदमों संग अफसाना सुनाती है नजारों को राहों की अहमियत पहचान दिलाती है तरानों को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर अदाओं संग सरगम सुनाती है जज्बातों को बदलावों की उमंग तलाश दिलाती है सपनों को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर बदलावों संग कोशिश सुनाती है खयालों को किनारों की मुस्कान अल्फाज दिलाती है इरादों को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर राहों संग बदलाव सुनाती है आवाजों को धाराओं की समझ उम्मीद दिलाती है जज्बातों को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर एहसासों संग अंदाज सुनाती है इशारों को उम्मीदों की सौगात पुकार दिलाती है नजारों को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर अल्फाजों संग सोच सुनाती है बदलावों को अंदाजों की रोशनी अहमियत दिलाती है कदमों को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर किनारों संग समझ सुनाती है सपनों को इरादों की सरगम कोशिश दिलाती है किनारों को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर खयालों संग पुकार सुनाती है लहरों को जज्बातों की आहट एहसास दिलाती है इरादों को उजाला देकर जाती है।

एक दास्तान अक्सर उम्मीदों संग सुबह सुनाती है किनारों को कदमों की रोशनी मुस्कान दिलाती है राहों को उजाला देकर जाती है।

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